इस आमदरफ्त में उसके स्वरूप में भी कुछ सतही परिवर्तन होते दिख रहे हैं।
2.
तीनों बार का सत्ता परिवर्तन स्थापित व्यवस्था में सतही परिवर्तन करने में भी नाकामयाब रहा।
3.
तीनों बार का सत्ता परिवर्तन स्थापित व्यवस्था में सतही परिवर्तन करने में भी कामयाब नहीं रहा।
4.
थोड़े समय बाद यह साफ़ हो जाता है-ऐसे सतही परिवर्तन से कुछ मौलिकतः बदलता नहीं है।
5.
उनमें यंत्रवाद और प्रत्ययवाद की छाया को चतुराई से छिपा दिया गया है, किंतु इस सतही परिवर्तन के बावज़ूद इन प्रवृत्तियों की मुख्य वैचारिक दिशा ज्यों की त्यों रही है।